इंदौर में एक अनोखा मामला सामने आया है, जहां एक 3 साल की बच्ची ने संथारा लिया, जो जैन धर्म की एक धार्मिक प्रक्रिया है। इस बच्ची का नाम वियाना है, जो ब्रेन ट्यूमर से पीड़ित थी।
ब्रेन ट्यूमर का इलाज
वियाना के माता-पिता पीयूष और वर्षा जैन ने बताया कि उनकी बेटी को जनवरी 2025 में ब्रेन ट्यूमर हुआ था, जिसका इलाज इंदौर और मुंबई में किया गया। लेकिन जब कोई सुधार नहीं हुआ, तो उन्होंने जैन मुनि श्री राजेश मुनि महाराज के दर्शन कराने का निर्णय लिया।
संथारा का सुझाव
जैन मुनि श्री राजेश मुनि महाराज ने वियाना की स्थिति को गंभीर बताते हुए संथारा का सुझाव दिया। वियाना के माता-पिता ने इस निर्णय को माना और 21 मार्च को संथारा प्रक्रिया आरंभ की गई।
आधे घंटे की धार्मिक प्रक्रिया
आधे घंटे तक चली इस धार्मिक प्रक्रिया के 10 मिनट बाद ही वियाना ने प्राण त्याग दिए। वियाना के माता-पिता ने बताया कि उनकी बेटी जैन धर्म के सर्वोच्च व्रत “संथारा” को धारण करने वाली विश्व की सबसे कम उम्र की बालिका बन गई है।
विश्व रिकॉर्ड
इस मामले को ‘गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स’ में भी दर्ज किया गया है, क्योंकि इतनी कम उम्र में संथारा दिलाने का यह पहला मामला है। वियाना की यह आध्यात्मिक यात्रा आज पूरे समाज के लिए एक गहन विचार और प्रेरणा का विषय बन गई है।