आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी महाराज के प्रियाग शिष्य का भव्य मंगल प्रवेश

भोपाल, राजेश जैन दद्दू – नवपटाचार्य चर्या शिरोमणि शताब्दी देशना चार्य आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी महाराज के प्रियाग शिष्य श्रुत संवेगी मुनि श्री आदित्य सागर, अप्रमित सागर जी, सहज सागर जी छुल्लक भोपाल नगर गोरव श्रेयंस सागर जी संसघ आज भोपाल नगर की लालघाटी स्थित जैन नगर में भव्य मंगल प्रवेश नववर्ष के आगमन पर हुआ। धर्म समाज प्रचारक राजेश जैन दद्दू ने बताया कि भोपाल नगर में नित्यंम आदित्यंंम आनंदम के मंगल जय घोष से अति भव्य मंगल प्रवेश हुआ। वर्तमान समय में
एक ओर अपने ही कर रहे, मुनियों के साथ दुर्व्यवहार, दूसरी ओर, निर्ग्रन्थ साधु चर्या देखकर नगर एक सिख परिवार के परिजनों ने परम पूज्य मुनि श्री के पाद प्रक्षालन का परम सोभाग्य प्राप्त किया।

भोपाल नगर में आज निर्ग्रन्थ दिगंबर साधुओं के प्रति जैनेत्तर बंधुओं की अनन्य भक्ति का उदाहरण देखने को मिला, जब श्रीमान हरपाल सिंह सरदार जी ने 160000/- रुपये की बोली ले कर श्रुतसंवेगी महाश्रमण श्री आदित्यसागर जी के पाद प्रक्षालन का सौभाग्य प्राप्त किया। यह महज एक बोली नहीं बल्कि साधुता की जीवंत परिभाषा कहे जाने वाले महाश्रमणों की साधना का प्रभाव है, जिसे वर्तमान समय में जैनेत्तर से ज़्यादा जैनों को समझने की ज़रूरत है।

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