नांदणी (महाराष्ट्र ) राजेश जैन दद्दू– माणगाव निवासी और कर्मवीर मजिस्टेट जयसिंगपूर के संचालक श्री सुकुमार पाटील जी ने बताया की नांदणी पंचकल्याण महोत्सव का हुआ भव्य शुभारंभ – उत्तर और दक्षिण के 8 आचार्य परमेष्टी भगवन एक साथ एक मंच पर अद्भुत नजारा देखने को मिला | नवपटाचार्य चर्या शिरोमणि शताब्दी देशना चार्य अध्यात्मयोगी श्री १०८ आचार्य विशुद्धसागरजी महाराज ससंघ, प. पू. आचार्यश्री १०८ धर्मसेनजी महाराज ससंघ, प. पू. आचार्यश्री १०८ जिनसेनजी महाराज ससंघ, प. पू. आचार्यश्री १०८ मयंकसागरजी महाराज ससंघ, प. पू. आचार्यश्री १०८ शांतीसेनजी महाराज ससंघ,प. पू. आचार्यश्री १०८ धर्मभूषणजी महाराज ससंघ, प. पू. आचार्यश्री १०८ सुयशगुप्तीजी महाराज ससंघ जिनबिम्ब पंचकल्याणक महोत्सव में मंगल सानिध्य प्राप्त हो रहा हैं |
धर्म समाज प्रचारक राजेश जैन दद्दू ने बताया कि नववर्ष में नांदणी पंचकल्याण महोत्सव के प्रथम दिन गर्भ कल्याणक पूर्वार्ध संपन्न हुआ | घटयात्रा चल समारोह में जैन ध्वजा को लेकर सबसे आगे आगे हाथी चल रहा था । सौभाग्यशाली महिलाएं केशरिया परिधान में सिर पर मंगल कलश लेकर चल रहीं थी । बैंडबाजों की मधुर धुन पर युवा साथी भक्तिमय नृत्य कर रहे थे । घटयात्रा में लाए गए शुद्ध जल से वेदी, मंच एवं पांडाल की शुद्धि की गई और ध्वजारोहण किया गया ।
पंचकल्याणक महा महोत्सव में भगवान कैसे बनते हैं इसको दर्शाते हुए 1 जनवरी 2025 को गर्भकल्याणक महोत्सव जिसमें माता की कोख में भगवान का जीव आता है | इस जीव के गर्भ में आने से 6 माह पहले ही भगवान के पिता के गृह आंगन में दिन में 4 बार रत्नों की वर्षा होती है जिससे उनके राज्य काल में कहीं कोई दरिद्रता,गरीबी नहीं होती है सब जीव प्रसन्न होते हैं।

आचार्य भगवन विशुद्धसागर महाराज जी ने अपने प्रवचन में कहा की नांदणी पंचकल्याणक में उत्तर और दक्षिण के साधु का एक साथ बैठना समाज में आनंद का क्षण हैं | आचार्य भगवन विशुद्धसागर महाराज जी ने कहा की साल के प्रथम दिन की शुरुआत महाराष्ट्र के नांदणी की पावन धरा पर जैन धर्म के सबसे बडे पंच कल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव के साथ प्रारंभ हुआ हैं|