संत प्रेमानंद महाराज के अनुसार, नजर लगना प्रेम का एक अंग है। भगवान कृष्ण को भी नजर लगती थी और मां यशोदा उनकी नजर उतारती थीं। अत्यधिक प्रेम करने वाले व्यक्ति को नजर दोष लग सकता है।
आपने अक्सर छोटे बच्चों के माथे या गालों पर काला टीका लगा हुआ देखा होगा। बच्चों को काला टीका क्यों लगाया जाता है? इस काले टीके को लगाने की क्या वजह है, यह हम आपको बताएंगे। प्रख्यात संत प्रेमानंद महाराज ने एक वीडियो में अपने सत्संग के दौरान लोगों को कई बातें बताईं। कुछ लोगों ने महाराज जी से यह सवाल किया कि नजर क्यों लगती है। नजर लगने का क्या कारण है? प्रेमानंद महाराज ने बड़े सहज तरीके से इसका जवाब दिया।
सत्संग के दौरान महाराज जी ने कहा कि नजर क्यों लगती है, इसका जवाब तुम्हारे पास ही है। भगवान कृष्ण को भी नजर लगती थी और मां यशोदा उनकी नजर उतारा करती थीं। नजर अपने से अधिक प्रिय व्यक्ति को लगती है, और कहा जाता है कि भगवान श्री कृष्ण से पूरा बृज, मां यशोदा के साथ-साथ, प्रेम करता था। चिंता उसी व्यक्ति की होती है जिससे अत्यधिक प्रेम होता है।
राधा केलि कुंज आश्रम के अध्यक्ष और प्रख्यात संत प्रेमानंद महाराज ने बताया कि नजर नहीं लगती, यह प्रेम का एक अंग है। जब हमें किसी से अधिक प्रीत होती है, तो हमें संशय होता है कि कहीं उसके साथ कुछ गलत न हो जाए। नजर उसी व्यक्ति से उतारी जाती है जिसे हम अत्यधिक प्रेम करते हैं। जिस व्यक्ति से हमें अत्यधिक लगाव होता है, उसकी नजर उतर जाती है।