नवागत वर्ष के उपलक्ष में रामलीला देखने श्रद्धालुओं का उमड़ा जनसैलाब

रायसेन। शहर की ऐतिहासिक रामलीला में बुधवार को नवागत वर्ष के सुहाने मौसम के चलते एवं लक्ष्मण शक्ति नामक आकर्षक प्रसंग की लीला को देखने के लिए रामलीला मैदान में श्रद्धालुओं जनसैलाब उमर पड़ा पूरे रामलीला मैदान में जिधर देखो उधर दिनभर मेला में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटी दिखाई दे रही थी, रामलीला मंचन स्थल से लेकर मनोरंजन के झूलों के सामने भी भारी तादाद में श्रद्धालु आकर्षक झूलो का और मिष्ठान दुकानों पर आनंद लेते हुए देखे गए। शीत लहर के चलते काफी संख्या में श्रद्धालु रामलीला मैदान में दिखाई दिए। प्रस्तुत की गई लीला के अनुसार लंका पति रावण रणभूमि में इंद्रजीत मेघनाथ को युद्ध करने के लिए रामा दल में भेजते हैं इंद्रजीत मेघनाथ जाकर रामा दल को ललकारता है तो इधर भगवान राम से आज्ञा लेकर लक्ष्मण जी मेघनाथ से युद्ध करने के लिए चलते हैं दोनों ही तरफ से काफी देर तक युद्ध चलता है। इंद्रजीत मेघनाथ अपनी तरह-तरह की माया चला कर और आखिरी दौर में वह ब्रह्म शक्ति का उपयोग करते हुए लक्ष्मण जी को मूर्छित कर देता है इधर हनुमान जी भगवान राम के पास पहुंचते हैं और सारा हाल बताते हुए कहते हैं कि चलिए प्रभु मेघनाथ ने लक्ष्मण जी के ऊपर ब्रह्म शक्ति चलाकर घातक प्रहार कर दिया है, जिससे वह मूर्छित हो गए हैं, हनुमान जी के वचन सुनकर भगवान राम तुरंत लक्ष्मण जी के पास पहुंचते हैं और लक्ष्मण को मूर्छित देखकर विलाप करने लगते हैं और कहते हैं कि है लक्ष्मण तुम्हारे बगैर मैं कुछ भी नहीं हूं, तुम जल्दी ठीक हो जाओ नहीं तो मैं वापस अयोध्या जाकर क्या मुंह दिखाऊंगा। इस प्रकार से भगवान राम लक्ष्मण का सिर अपनी गोदी में रखकर और विलाप करते हैं। वही दूसरी तरफ लक्ष्मण जी की मूर्छा जागृत करने के लिए सुसेन वैध को बुलाया जाता है हनुमान जी सुशील वेद को लेकर आते हैं फिर सुसेन नामक वैध द्वारा द्रोणागिरी पर्वत के ऊपर सजीवन बूटी कॉल आने के लिए कहते हैं और बोले कि सुबह होने से पहले पहले लाना है। इस प्रकार से हनुमंत लाल जी सजीवन बूटी लेने के लिए द्रोण गिरि पर्वत पर पहुंचते हैं परंतु वहां बूटी उन्हें समझ में नहीं आती तो वह पूरा द्रोणागिरी पर्वत ही अपने हाथों से उठाकर ले आते हैं। इस प्रकार से संजीवन बूटी का प्रयोग करने के बाद लक्ष्मण जी की मूर्छा जागृत हो जाती है । इस समय की लीला बहुत ही आकर्षक ढंग से कलाकारों द्वारा प्रस्तुत की गई, हजारों की तादात में श्रद्धालु लीला को देखने के लिए मौजूद रहे लक्ष्मण जी की मूर्छा जागृत होने के बाद पूरे रामलीला मैदान में जय जय श्री राम के जयकारे गूंज उठते हैं।

रामलीला में गुरुवार को होगी कुंभकरण वध प्रसंग की लीला

रामलीला समिति के निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार गुरुवार को कलाकारों द्वारा रामलीला मैदान में कुंभकरण वध की आकर्षक लीला का मंचन किया जाएगा।

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