नांदणी (महाराष्ट्र), राजेश जैन दद्दू – वीर सेवा दल के अध्यक्ष श्री बाळासाहेब जी पाटील ने कहा की अतिशय क्षेत्र नांदणी अनेक ऋषी मुनीयों के तपस्या से पावन तथा प्राचीन मूर्ती के लिए सु – विख्यात यह प्राचीन तीर्थक्षेत्र अनेक लोगों का श्रद्धाकास्थान है | धर्म समाज प्रचारक राजेश जैन दद्दू ने बताया कि पश्चिम महाराष्ट्र के कोल्हापूर जिले के शिरोल तहसिल में नांदणी तीर्थक्षेत्र स्थित है l
जैन धर्म के विकास और संरक्षण के हेतू भारतवर्ष में भट्टारक पीठोंकी निर्मिती हुई है l इन सभी भट्टारक पीठों में स्वस्तिश्री जिनसेन भट्टारक पट्टाचार्य महास्वामी मठसंस्थान नांदणी,करवीर (कोल्हापूर) यह आद्य पीठ है l प्राचीन भारत के दिल्ली, पिंनगोंडी, जिनकंची और करवीर (नांदणी) ऐसी जिनसेन मठ की परंपरा चलती आ रही है l करवीर मठ संस्थांन के कोल्हापूर, नांदणी, तेरदाळ और बेलगांव यह चार शाखापीठ है ; इसलिये जिनसेन मठ की वास्तू अतिभव्य है l नांदणी स्थित मठ का इतिहास 1300 वर्ष पूराना है l
नांदणी मठ के आधीपत्य में दक्षिण महाराष्ट्र और उत्तर कर्नाटक के ७४३ गांव समाविष्ट है l इन सभी गांव में जैन धर्म के सभी धार्मिक महोत्सव, विधिविधान, पंचकल्याणक, धर्म का प्रसार एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम स्वस्तिश्री जिनसेन भट्टारक पट्टाचार्य महास्वामीजी के आदेश से और आशीर्वाद से सानंद संपन्न होते है l
स्वस्तिश्री भट्टारक पट्टाचार्य जिनसेन महास्वामीजी के संरक्षण में अतिप्राचीन धर्मपीठ नांदणी में पट्टाचार्य आचार्य विशुद्ध सागर जी महाराज ससंघ के सानिध्य में जिनबिम्ब पंचकल्याण महोत्सव चल रहा है l मठ में प्राचीन धरोहर की समृद्धी इसमे झलकती है ।
शताब्दी देशना चार्य आचार्य विशुद्ध सागरजी महाराज के प्रवचन सुनने देश विदेश से हजारों श्रोता पहुंच रहे हैं आचार्य विशुद्धसागर महाराज जी ने अपनी देशना में समाज जन को संकल्प दिलाया कि भ्रूण हत्या नहीं करेंगे और नं करने देंगे। गुरु देव ने कहा कि
जो स्वयं जीता है और वह दूसरों को जीने देता है। वह सबका रक्षक बन परमात्मा पद को पाता है। इसीलिए भगवान महावीर स्वामी ने अपने संदेश में कहा है कि “जिओ और जीने दो”। आचार्य विशुद्ध सागर महाराज जी ने नांदणी में हजारों की संख्या में उपस्थित श्रद्धालुओं ने इस भ्रूण हत्या को रोकने के लिए संकल्प लिया l