इंदौर, राजेश जैन दद्दू- दिगंबर जैन मुमुक्षु समाज के गौरव एवं दिगंबर जैन सोशल ग्रुप जीनियस के संस्थापक संरक्षक विजय -इंद्रा बड़जात्या का उम्र के 75 वर्ष की पूर्णता पर जीनियस ग्रुप एवं फास्ट आईएएस एकेडमी के संयुक्त तत्वावधान में समारोह पूर्वक अमृत महोत्सव मनाया गया। धर्म समाज प्रचारक राजेश जैन दद्दू ने बताया कि जीएसटीआई कॉलेज के सिल्वेरियाऑडिटोरियम में रविवार को संपन्न समारोह में मुख्य अतिथि सांसद शंकर लालवानी एवं डीएवीवी इंदौर के कुलगुरु राकेश सिंघई थे। विशेष अतिथि के रूप में सेवा निवृत्त जिला न्यायाधीश पवन गोधा क्राइम ब्रांच ब्रांच के डीसीपी राजेश दंडोतिया थे।
मंजू वेद, बरखा बड़जात्या, रेणु पोरवाल व मीनल पाटनी एवं साक्षी जैन, वीणा पोरवाल एवं अनु सेठी द्वारा प्रस्तुत मंगल नृत्य की प्रस्तुति से शुभारंभ हुआ कार्यक्रम में टी के वेद, संजय बड़जात्या ने अतिथियों का स्वागत किया हंसमुख गांधी ने विजय बड़जात्या का परिचय दिया एवं अतिथियों ने बड़जात्या का माल्यार्पण कर अभिनंदन पत्र, शाल, श्रीफल देकर सम्मानित किया।

अतिथियों ने अपने संक्षिप्त संबोधन में बड़जात्या को धर्म, समाज, शिक्षा, और संस्कृति के प्रति समर्पित समाजसेवी बताते हुए उनकी सकारात्मक कार्य शैली की सराहना करते हुए शतायु होने की कामना के साथ उन्हें बधाई एवं शुभकामनाएं दी। समारोह में सोशल ग्रुप एवं समाज की विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधियों, परिजनों, मित्रों और स्नेही जनो ने भी बड़जात्या का सम्मान किया। इस अवसर पर अतिथियों ने फास्ट आईएएस एकेडमी से शिक्षा प्राप्त वर्ष 2022 की परीक्षा में सफल 18 प्रतिभाशाली एवं विभिन्न पदों पर चयनित छात्रों का एकेडमी द्वारा स्मृति चिन्ह देकर सम्मान भी किया। प्रारंभ में एकेडमी के संस्थापक एवं चेयरमैन और दिगंबर जैन महासमिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक बड़जात्या ने एकेडमी के संबंध और उसकी कार्यशैली पर प्रकाश डालते हुए सफल सम्मानित छात्रों को बधाई देते हुए देश, समाज एवं राष्ट्रहित में ईमानदारी से कार्य करने और उत्साह एवं द्रढ संकल्प के साथ आगे बढ़ने की शपथ दिलाई।
समारोह में दिगंबर जैन समाज के अध्यक्ष श्री राजकुमार पाटोदी, आर के जैन रानेका,राजेश उदावत, डॉ जैनेन्द्र जैन, चिराग जैन, अशोक खासगीवाला, कैलाश वेद, मयंक जैन, माहवीर जैन, आशा बड़जात्या एवं लायन सरला सामरिया रेखा जैन आदि समाज श्रेष्ठि उपस्थित थे। समारोह का संचालन टी के वेद ने किया आभार अक्षय कासलीवाल ने माना।