मध्य प्रदेश के जबलपुर के बरेला स्थित बम्हनी में सबसे ऊंची महाकाली की प्रतिमा में भीषण आग लग गई। प्रतिमा की ऊंचाई 51 फीट है, जिसकी वजह से इसे देखने के लिए बड़ी संख्या में भक्तों का तांता लगा रहता था। ऐसे में पंडाल में आग लगने के बाद अफरा तफरी का माहौल हो गई। जानकारी के मुताबिक हादसे का कारण पंडाल के पास लगी मधुमक्खियों को भगाने के लिए जलाई गई आग बताया जा रहा है। हादसा मूर्ति विसर्जन के वक्त देर रात हुआ। हालांकि हादसे में मां काली की मूर्ति को कोई नुकसान नहीं हुआ, जिस वजह से लोग इसे चमत्कार मान रहे हैं।
कार्यक्रम में मौजूद लोगों ने बताया कि पंडाल के पास मधुमक्खियों का छत्ता लगा हुआ था, जिसे भगाने के लिए धूप बत्ती से आग लगाई गई थी। हवा की वजह से आग की लपटों ने कपड़े को पकड़ लिया और देखते ही देखते ही महाकाली की प्रतिमा में भीषण आग लग गई। आग लगने की वजह से लोग दहशत में आ गए और भागने लगे। हालांकि किसी के जोखीम होने की जानकारी सामने नहीं आई है।
कुछ दिन पहले ही स्थापित की गई थी मूर्ति
सूचना मिलने के बाद तुरंत दमकल के वाहन पहुंचे। हालांकि कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया गया। आग लगने की सूचना पर पहुंचे जिला पुलिस प्रशासन के अधिकारी पूरे मामले की जांच कर रहे हैं। काली मां की मूर्ति कुछ दिन पहले ही स्थापित की गई थी। माता की प्रतिमा को दर्जनों कलाकारों ने मिलकर बनाया था। मूर्ति का विसर्जन जेसीबी की मदद से कुंड बनाकर किया जाना था। हालांकि उससे पहले ही प्रतिमा में आग लग गई।
दिन रात मेहनत करके बनाई गई थी मूर्ति
महाकाली की प्रतिमा को देखने के लिए जबलपुर के साथ साथ प्रदेश से भी लोग देखने के जुटे थे। जानकारी के मुताबिक महाकाली प्रतिमा को तैयार करने में 500 से अधिक बांस, करीब 25 लीटर कलर, जूट की बोरी लगी थी। वहीं इसके निर्माण में मूर्तिकारों दिन-रात मेहनत की थी।