इंदौर- क्या किसी व्यक्ति का समूचा जीवन बीमारों की तीमारदारी और संत, साहित्य, कला व समाजसेवा को समर्पित रहा हो तो इस प्रश्न का जवाब 78 वर्षीय डा. जैनेंद्र जैन के रूप में सामने आता है। लोगों को एकजुट करने की क्षमता और उनके सेवा कार्यों ने शहर में उन्हें एक खास पहचान दी है। किसी बीमार व जरूरतमंद व्यक्ति की समस्या के समाधान की बात आती है तो लोग उनके छत्रपति नगर स्थित निवास का रास्ता दिखा देते हैं। वे उसकी मुलाकात समाज के ऐसे सेवाभावी व्यक्ति से करा देते हैं जो उसकी मदद प्रसन्न होकर कर दे। लोगों के बिगड़े काम बनाने की ख्याति उन्हें एक चिकित्सक होने के नाते नहीं मिली बल्कि सामाजिक क्षेत्र से जुड़े विभिन्न सेवाभावी ट्रस्ट में दिए सहयोग के चलते मिली है।
35 वर्ष तक जूनी इंदौर कटकट पूरा में अपने क्लीनिक पर रोजाना कई लोगों को उपचार करने के दौरान उनके पास कई लोग ऐसे आते थे जो अपना उपचार नहीं करा पाते थे। बीमारी के चलते आई आर्थिक तंगी के कारण कई परिवारों के बच्चों के पास स्कूल की फीस भरने के पैसे नहीं होते थे। इसके चलते मूलचंद पारमार्थिक ट्रस्ट के ट्रस्टी रहते उन्होंने पिछले 20 वर्षों में दो हजार लोगों को चिकित्सा व शिक्षा सहायता प्रदान की। यह क्रम आज भी जारी है। इसके अतिरिक्त समाज की प्रतिभाओं को पहचान दिलाने में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। उन्हें मंच देने के लिए वे विभिन्ना आयोजन करते रहते हैं। आदिनाथ दिगंबर जैन धार्मिक ट्रस्ट के संस्थापक ट्रस्टी होने के साथ वे अध्यक्ष और मंत्री पद पर भी रहे। इस दौरान आदिनाथ जिनालय के निर्माण में उनकी भूमिका को समाज याद करता है।
उनके द्वारा मंदिर परिसर में ऋषभ सभागृह का निर्माण समाज को साथ लेकर किया गया। दिगंबर जैन परवार समाज में सम्मान की परंपरा का श्रेय भी उन्हीं को जाता है। समाज में सम्मान परंपरा की शुरुआत के शिल्पी उन्हें कहा जाए तो अतिश्योक्ति नहीं होगी। सबसे पहले उन्होंने समाज के दो दिग्गज सुंदरलाल जैन बीड़ीवाले और अंजनी नगर में चंद्रप्रभु मांगलिक भवन के निर्माण करने वाले सोनेलाल जैन का अमृत महोत्सव आयोजित किया। इसमें केंद्रीय और प्रदेश के मंत्रियों की मौजूदगी रही। उन्होंने सम्मानित व्यक्ति को अभिनंदन पत्र और अभिनंदन स्मारिका भेंट कर परवार समाज में सम्मान की परंपरा शुरू की। इसके बाद प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने के लिए सम्मान समारोह के आयोजन वर्ष में कई बार आयोजित होने लगे।
उनके द्वारा किए गए कार्यों के लिए पर्यूषण पर्व-2022 के दौरान लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से भी सम्मानित किया गया। इसके अतिरिक्त विभिन्ना समाचारों में संपादकों के नाम पत्र लिखने वाले लेखकों को संगठित कर पत्र लेखक संघ मध्य प्रदेश की स्थापना की। इसका उद्देश्य आम जनमानस की समस्याओं से अखबार के संपादकों को परिचित करना था। इसमें इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, महू, देवास और भोपाल के लेखक शामिल हैं। इनका वर्ष में एकबार मिलन समारोह भी आयोजित किया जाता है।