इंदौर, राजेश जैन दद्दू- धर्म, धर्मायतन, धर्मात्मा हमारी संस्कृति का मूल आधार है,आपके बनाये अपने घर भले ही विनष्ट हो गये हों लेकिन 200 वर्ष पुराने मंदिर आज भी अपनी पताका को फहरा रहे है” उपरोक्त उदगार मुनि श्री प्रमाण सागर महाराज ने नरसिंगपुरा दि.जैन लाल मंदिर के पास संतभवन की आधारशिला रखते हुये व्यक्त किये ।
मुनि श्री ने कहा कि तालाब में कमल जब तक अपनी नाल से जुड़ा रहता है तभी तक खिला रहता है जैसे ही नाल से निकला कि वह मुर्झा जाता है उसी प्रकार धर्म की नाल से जुड़ा रहने बाला ब्यक्ति हमेशा खिला खिला रहता है मुनि श्री ने कहा कि हमारी संस्कृति में धर्म और धर्मायतनों को प्रमुखता दी है इसीलिये आप जंहा भी जाते हो घर बनाने से पहले मंदिर का निर्माण करते हो,यह परंपरा आज की नहीं है वल्कि जब से कर्म युग की शुरुआत हुई तभी से धर्म और धर्मायतनों तथा साधू वसतिका का निर्माण शुरु हो गया था।
उन्होंने चार प्रकार के दान की चर्चा करते हुये कहा कि आहार,औषधि तथा उपकरण यह तीन दान का पुण्य तो उनकी समय सीमा तक है लेकिन चौथा वसतिकाआवास दान का बहूत महत्व है,साधु वसतिका रहेगी तो साधू संतों का आवागमन रहेगा और उनका आशीर्वाद आपको तथा आपके परिवार को सैकड़ों वर्ष तक मिलता रहेगा। उन्होंने नरसिंगपुरा जैन समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष हर्ष जैन महामंत्रीअनिल जैन विशाखा, प्रदेश अध्यक्ष विदर्भ जैन सनत जैन,आशीष जैन एवं स्थानीय अध्यक्ष मुकेश जैन सहित वसतिका गृह निर्माण में योगदान दैने बाले सभी पुण्यार्जकों को अपना आशीर्वाद प्रदान किया।
प्रवक्ता अविनाश जैन एवं राजेश जैन दद्दू ने बताया कि इस अबसर पर दिगंबर जैन समाज छत्रपति नगर के अध्यक्ष भूपेंद्र जैन, डॉक्टर जैनेंद्र जैन, विपुल बांझल, कमल जैन चैलेंजर, अखिलेश अरविंद सोधिया, नरेंद्र राजेंद्र नायक, वीरेंद्र जैन, आलोक जैन, अजय रेनबो, आदि समाज जनो ने मुनी संघ को श्रीफल समर्पित कर छत्रपतिनगर पधारने हेतु निवेदन कर आशीर्वाद प्राप्त किया ।प्रवचन उपरांत संत सदन का शिलान्यास का कार्यक्रम संपन्न हुआ यहां से मुनी संघ कांच मंदिर पहुंचा एवं यहां आहार चर्या संपन्न होने के उपरांत सामायिक लश्करी दि.जैन मंदिर में संपन्न हुई। दौपहर में आसपास के जिनालयों की बंदना करते हुये मुनिसंघ नेमीनगर पहुंचा जहां सांयकालीन शंका समाधान का कार्यक्रम संपन्न हुआ।