रायसेन- रामलीला मेले में बुधवार को स्थानीय कलाकारों द्वारा ताड़का वध प्रसंग की मैदानी प्रस्तुति की गई। इस दौरान ऋषि मुनियों द्वारा जब भी वह हवन करते थे। उनमें ताड़का नामक राक्षसी उनके सामने आकर उन्हें परेशान करती थी, जिससे ऋषि मुनियों के यज्ञ हवन सफल नहीं हो रहे थे। इसी बात को लेकर जब गुरु विश्वामित्र राजा दशरथ जी के महल में राम और लक्ष्मण को मांगने के लिए पहुंचते हैं और राजा दशरथ से दोनों बालकों को ले जाने के लिए मांग करते हैं, इतना सुनकर राजा दशरथ बोले गुरुदेव वैसे ही मेरे बुढ़ापे में पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई है मैं कैसे राम और लक्ष्मण को आपके साथ भेजूं, परंतु गुरु वशिष्ठ जी ने राजा दशरथ को समझाया कि यह गुरु विश्वामित्र हैं हवन सफल करने के लिए जो राक्षस आ रहे हैं, उनका विनाश करने के लिए राम लक्ष्मण को मांग रहे हैं। हे राजन दोनों बालकों को आप गुरु विश्वामित्र के साथ भेज दो इस प्रकार से राजा दशरथ जी ने बात मानकर राम लक्ष्मण को गुरु विश्वामित्र के साथ भेज दिया। इसके पश्चात जब ऋषि मुनि यज्ञ हवन करते हैं तो तड़का नामक राक्षसी विकराल रूप धारण करते हुए हवन को ध्वस्त करने के लिए आती है, तब भगवान श्री राम राक्षसी ताड़का को मार देते हैं। इस प्रकार से रामलीला में ताड़का वध प्रसंग की सुंदर प्रस्तुति कलाकारों द्वारा दी गई।

रामलीला में गुरुवार को होगी धनुष यज्ञ सीता स्वयंवर की आकर्षक लीला
रामलीला के निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार गुरुवार को स्थानीय कलाकारों द्वारा धनुष यज्ञ सीता स्यंवर की आकर्षक लीला का मंचन किया जाएगा।